वेद पुराण सभी हैं गाते,
अक्षय तृतीया का गुणगान।
इस दिन कार्य जो करो प्रारंभ तो,
कभी न होता है नुकसान।

कार्य सभी होते फलदाई,
कभी न होता उसका क्षय।
धनतेरस सा पर्व यह जानो,
करता सदा यह जय -विजय।

उलूक सवारी मां हैं आती,
लेकर आती हैं धन-धान्य।
कुटुंब गांव सब हर्षित होते,
जन -जन का यही है मान्य।

सकल कार्य जब पुणे हैं होते,
करें मानवता का निर्माण।
ईर्ष्या -द्वेष को दूर भगाएं,
जीवन से सदा दूर होते त्राण।

आखा तीज भी इसे हैं कहते,
वैसाख तीज भी इसको जानो।
० 3- ०5 – 2022 को मन रहा ,
पुण्य कर्म स्थाई मानो।

परमात्मा को तिथि यह प्यारी,
तभी तो है यह शाश्वत।
नर-नारायण परशुराम और हयग्रीव ,
अवतार हैं इस दिन पावत।

इस दिन इनकी मने जयंती,
चिरंजीवी तिथि यह कहलाती।
सात चिरंजीवी विभूतियों में,
परशुराम की गिनती आती।

साधना शाही, वाराणसी

Also Read – जिंदगी

By Sadhana Shahi

A teacher by profession and a hindi poet by heart! Passionate about teaching and expressing through pen and words.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *