आराम

आराम हराम

आज हर व्यक्ति आराम की जिंदगी जीना चाह रहा है। आराम भी इस कदर कि यह आराम ही उसके लिए हराम बनता जा रहा है ।अर्थात आरामतलबी का रोग आज ज्यादातर इंसान को ऐसा लग रहा है कि वो हृदय रोग, मधुमेह, अत्यधिक मोटापा, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का शिकार हो जा रहे हैं।

समय रहते सचेत होने की आवश्यकता

यदि व्यक्ति समय रहते सचेत हो जा रहा है और आरामतलबी को त्याग श्रम करने लग रहा है ।तब तो उसे इन बीमारियों से समय रहते कुछ हद तक निजा़त मिल जा रहा है, किंतु यदि वह समझने में देर कर दे रहा है तब ये बीमारियां उसके जीवन के साथ ही जा रही हैं।

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास

कहा जाता है ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है’ अर्थात यदि शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो मस्तिष्क स्वस्थ कैसे रह सकता है? और यदि शरीर और मस्तिष्क दोनों ही स्वस्थ नहीं है तो हम भला अपना, अपने गांव ,समाज ,देश का विकास कैसे कर सकते हैं?
अर्थात यदि व्यक्ति का शरीर और मस्तिष्क दोनो अस्वस्थ है तो देश व समाज का विकास अवरोधित होता है।

सतत विकास में साइकिल का योगदान

सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए शरीर का स्वस्थ होना परम आवश्यक है। शरीर को स्वस्थ रखने में अच्छे खान-पान ,रहन-सहन के अलावा साइकिलिंग करना भी एक महत्वपूर्ण उपाय है। क्योंकि साइकिलिंग करने से हमारे पूरे शरीर का व्यायाम होता है ।

3 जून2018 विश्व संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा विश्व साइकिल दिवस की घोषणा

शरीर को स्वस्थ रखने के एक उच्च कोटि के साधन के रूप में साइकिल के उपयोग को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को साइकिल जैसे सामान्य चीज़ से किस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है इसे बताना है। तथा इसके साथ ही साथ शिक्षा को मजबूत करना, बीमारी को रोकना, स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, सहिष्णुता, आपसी समझ और सम्मान को बढ़ावा देना सामाजिक समावेश को सुदृढ़ करना , मितव्ययिता, स्वस्थ दिनचर्या और शांति की संस्कृति को बढ़ावा देना भी है।

क्रॉस -कटिंग विकास रणनीतियों में साइकिल के उपयोग पर विशेष ध्यान

विश्व साइकिल दिवस की उद्घोषणा सर्वप्रथम 2जून 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित किया गया था।सदस्य देशों को क्रॉस-कटिंग विकास रणनीतियों में साइकिल पर विशेष ध्यान देने और सड़क सुरक्षा में सुधार करने , इसे सतत गतिशीलता और परिवहन बुनियादी ढांचे की योजना और डिजाइन में एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर साल विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है।

समाज के सभी तबके के लोग करें साइकिल का उपयोग

इसका उद्देश्य समाज के सभी सदस्यों के बीच साइकिल के उपयोग को बढ़ावा देना भी है‌। वहीं दूसरी तरफ़ साइकिल चलाने के लिए जनमानस को प्रेरित करके पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है ।जो आज का सबसे बड़ा संकट बनकर हमारे सामने सुरसा की भांति मुंह खोले खड़ा है।

निष्कर्ष

अंततः निष्कर्ष के तौर पर यही कहा जा सकता है कि विश्व साइकिल दिवस मनाने का उद्देश्य यदि एक तरफ़ व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखना है तो दूसरी तरफ पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाना जीव मात्र को सुरक्षित करना भी है।

साधना शाही ,वाराणसी

Also Read – मेरी यह कविता उन कर्मवीरों को समर्पित है, जो जीवन के झंझावातों से घबराते नहीं हैं, वरन उन झंझावातों को ही अपनी जीत का जरिया बना लेते हैं।

By Sadhana Shahi

A teacher by profession and a hindi poet by heart! Passionate about teaching and expressing through pen and words.

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