एक दिन
एक बच्चे ने
बड़ी ही मासूमियत से कहा
अब
मेरे पापा भी काम करते हैं।
अब वो
नहीं दिन भर घर में आराम करते हैं।

जब मेरी नज़र
बच्चे के प्यारे से चेहरे पर पड़ी
तब ऐसा लगा
मानो दुनिया भर की खुशियां
उसके दामन में आ गई हों।

उसके जीवन से
सारी व्यथा मिट गई हो
उसके पापा के काम के रूप में
उसे कुबेर का खजा़ना मिल गया हो
और
उस खजाने की वज़ह से
उसके मासूम से चेहरे पर
एक अतुलनीय मुस्कान छा गई हो।

क्या लगता है आपको?
क्या शोक, व्यथा, चिंता, निराशा, कष्ट जैसी
नकारात्मकता
सिर्फ बड़ों को ही घेर सकती है
नहीं,
ऐसाबिल्कुल नहीं है
मैंने इस तरह की नकारात्मकता से घिरे अनगिनत नन्हें
मासूमों को देखा है।

उनके माता-पिता,
अभिभावक की बेकारी ने
उनके चेहरे की हंसी को छीन लिया हो
उन नन्हे- मुन्नों को देखकर
ऐसा लगता है
मानो
उनके अभिभावक की बेकारी ने
दुनिया में उन्हें
सबसे दीन कर दिया हो।

और जिस दिन से उसे
यह महसूस हुआ कि
अब उसके पापा काम करते हैं
यह सारी नकारात्मकता
धीरे-धीरे
सकारात्मकता में परिवर्तित होते हुए भी देखा है।

इसलिए
मैं एक अभिभावक,
एक मां होने के नाते
प्रत्येक अभिभावक,
प्रत्येक माता-पिता से
विनती करती हूं कि आप
अपने बच्चे के समक्ष
अपने आप को
एक कर्मठ, जुझारू, सहनशील, धैर्यवान, कर्मवीर
अभिभावक, माता- पिता के रूप में प्रस्तुत करें।

क्योंकि,
आपकी यह सकारात्मकता
आपके बच्चे को भी
एक सकारात्मक
और सफल इंसान बनाने में
नींव की पहली
और मजबूत ईंट
साबित होगी।

यह सकारात्मकता
आपके बच्चे के जीवन में
एक अमृतवेल का काम करेगी
और आप का कर्म
एक सफ़ल मार्गदर्शक,
एक श्रेष्ठ गुरु, कामधेनु ,कल्पवृक्ष
साबित होग
जिसके दम पर
आपका बच्चा
वह सब कुछ अर्जित कर सकेगा
जिसकी आप, आपक परिवार,
और आपके बच्चे ने सपना देखा है
वह भी मेहनत और ईमानदारी के साथ।

उस दिन आपको
फ़क्र होगा
आपके निर्णय और संघर्ष पर
और आप
ईश्वर को
धन्यवाद ज्ञापित करेंगे
कि
उसने समय रहते आपको सन्मार्ग दिखाया
जिससे आज आप
अपने बच्चे के लिए
आदर्श बन गए
और अपने दिल के टुकड़े के पापा नहीं हर्ष बन गए।

साधना शाही, वाराणसी

Also Read – ऊर्जा का सही प्रयोग करो

By Sadhana Shahi

A teacher by profession and a hindi poet by heart! Passionate about teaching and expressing through pen and words.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *