वैसे तो श्रावण मास का प्रत्येक दिन ,प्रत्येक पल शुभ होता है। किंतु इनमें से कुछ तिथियां विशेष पुण्यदाई मानी जाती हैं ,उनमें से एक है श्रावण मास में पड़ने वाली पहली एकादशी जो इस बार 24 जुलाई रविवार को पड़ रही है ।यह एकादशी श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इसे कामिका एकादशी या पवित्रा के नाम से भी जाना जाता है ।आज की मेरी कविता में इस एकादशी के महत्व को बताया गया है ।तो प्रस्तुत है आज की मेरी नई कविता –
कामिका एकादशी
सुनो सुनो ऐ भक्तो !सुन लो,
श्रावण मास बड़ा ही प्यारा।
हर दिन, हर पल शुभ है इसका,
कुछ पर निहाल मन म्हारा तुम्हारा।
गंगापुत्र देवर्षि को,
प्रथम महत्व इसका बतलाए।
कामिका एकादशी व्रत जो करता,
गंगा स्नान का फल वो पाए।
गौ का दान जो कर नहीं सकता,
कामिका व्रत कर पुण्य -लाभ कमाए।
भव- बाधा से मुक्ति पाकर,
बैकुंठधाम गमन कर जाए।
प्रात काल स्नान करो तुम,
श्री हरि का बस जाप करो तुम।
गंगाजल अभिषेक कराकर,
धूप- दीप से करो देवाराधन।
गुलाल ,अबीर, और इत्र चढ़ाओ,
चावल, जौ ,फूल भूल न जाओ।
माखन, मिस्त्री संग तुलसी दल,
श्री हरि को तुम भोग लगाओ।
श्रद्धा -भक्ति से करो आरती,
सब कुछ हरि को अर्पण कर दो।
देखो फिर जगदीश की महिमा,
चक्रपाणि को तर्पण कर दो।
लक्ष्मीपति सुख -संपति देंगे,
जीवन के हर कष्ट हरेंगे।
भक्तों सुन लो बात पते की,
हरी-भक्ति हर दुख हर लेगी।
साधना शाही ,वाराणसी
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