1- ईश्वर करते महती कृपा,
ना करते निरुपाय ।
डगमग ना विश्वास हो,
ईश्वर होंगे सदा सहाय।
करुणासागर इनको जानो,
जानो दया आगार।
ये न किसी के इजारा होते,
होते जीवन आधार।
बिन मांँगे सबको हैं देते,
खुशियांँ अपरंपार।
उपालंभ ना कोई करता,
हाथ जोड़ खड़ा द्वार।
संकट में तू ना घबराना,
धैर्य को धारण करना।
जो होगा सब अच्छा होगा,
चित्त में यह बस धरना।
हाय- हाय से ले लो मुक्ति,
उस पर रखो विश्वास।
जो भी होगा अच्छा होगा,
ऊपर वाला खास।
भला- बुरा ना उसको कह तू,
ना आपा को खोओ।
भगवत भक्ति धारण करके,
सद्भाव के बीज को बोओ।
2- आपत्तियों से ना घबराओ तुम,
सहज भाव से इसको अपनाओ तुम,
हाय तौबा का डंका ना पिटवाओ तुम,
ईश भक्ति में मस्तक को झुकाओ तुम,
आपत्तियों से ना घबराओ तुम,
सहज भाव से इसको अपनाओ तुम।
हतोत्साहित होकर न टूटो कभी,
पकड़ करके आस्था को उठो सभी,
सहज जग में आपत्ति आ जाती है,
संपत्ति सा इसको अपनाओ तुम,
आपत्तियों से ना घबराओ तुम,
सहज भाव से इसको अपनाओ तुम।
नकली चेहरे से बच्चे ज्यूँ डर जाते हैं,
ईश्वर भी हमको वैसे ही भरमाते हैं,
खेल अद्भुत सा हमको ये दिखलाते हैं,
इस संग खेलो कभी भी ना मुरझाओ तुम,
आपत्तियों से ना घबराओ तुम,
सहज भाव से इसको अपनाओ तुम।
साधना शाही, वाराणसी
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