रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि 12 सितंबर यानि की रविवार को है। अपने पिता के पहली बरसी के लेकर आज शनिवार को लोजपा सासंद दिल्ली से पटना लौटे। लोजपा सासंद चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वो सीएम नीतीश कुमार को अपने पिता के बरसी के मौके पर निमंत्रण देना चाहते हैं लेकिन अबतक उन्हे मौका नहीं मिला हैं। जिसके बाद चिराग ने कहा कि मीडिया के माध्यम से मैं सीएम नीतीश कुमार को अपने पिता के बरसी में आने का निमंत्रम देता हूं। इसके साथ ही चिराग ने कहा कि भले ही सीएम नीतीश समारोह में आकर मुझसे नहीं मिले या मुझे आर्शीवाद नहीं दें लेकिन वो कार्यक्रम में आकर मेरे पिता को श्रद्धांजलि जरुर दें।
चिराग ने कहा कि रामविलास पासवान दलितों के लोकप्रिय नेता थे। उनके पिता के लिए सबके मन में अलग जगह हैं। उन्होने वर्षों तक कई लोगों के साथ काम किया है और उनके मन में सबके लिए समान विचार थे। इसलिए आम जनता और उनके चाहने वालों के मन में उनके लिए अलक तरह का प्यार और स्नेह है।
चिराग ने तेजस्वी यादव के रामविलास और रघुवंश प्रसाद सिंह के मूर्ति लगवाने के मांग का समर्थन किया। चिराग ने इस मामले का समर्थन करते हुए कहा कि मैं भी यग चाहता हूं कि जिन लोगों के लिए मेरे पिता ने काम किया। उनलोगों को उनके बारे में पता चलें। उनके मूर्ति लगने से आने वाले पीढ़ियों को पता चलेगा कि आखिर उन्होनें उनके लिए क्या किया है। इसके साथ ही उनेहोने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम भी हो जिनसे उनके विचार भी और लोगों तक पहुंचे।
दिवगंत रामविलास पासवान के पहली पुण्यतिथि में शामिल होने पर जब उप मुख्यमंत्री रेणु देवी से सवाल किया गया तो उन्होने कहा कि मैं बरसी कार्यक्रम में जरुर जाउंगी। रेणू देवी ने कहा कि चिराग ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण दिया है और हमारी व्यक्तिगत तौर पर कोई दुश्मनी नहीं है। राजनिति में सबके अपने-अपने विचार होते हैं लेकिन सभी पार्टियां एक हैं।
अब देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या सीएम नीतीश कुमार चिराग के निमंत्रण को स्वीकार कर रामविलास पासवान के बरसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं। इसका जवाब तो कल मिलेगा।
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