क्या अब अपने देश को इंडिया के नाम की बजाय भारत के नाम से ही जाना जाएगा। राजनीतिक गलियारों में कहा यही जा रहा है कि आने वाले संसद के विशेष सत्र में देश कोआधिकारिक तौर पर ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ कहे जाने वाले रेजुलेशन को पास कराया जा सकता है। लेकिन संविधान विशेषज्ञ का मानना है कि देश के संविधान में ‘इंडिया, दैट इज भारत’ का पहले से ही जिक्र है। इसलिए इंडिया और भारत यह दोनों नाम संविधान में दर्ज हैं और एक दूसरे के समानार्थी शब्द हैं। संविधान विशेषज्ञ के मुताबिक फिलहाल संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर में बदलाव लगभग असंभव जैसा ही है। वहीं देश के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि इंडिया को आधिकारिक तौर पर भारत पुकारे जाने से क्या BJP को कोई बड़ाराजनीतिक लाभ मिल सकता है या नहीं। दरअसल G20 के इनविटेशन कार्ड में प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत लिखने के बाद अब पीएम के ऑफिशियल दोरे पर भी इंडिया की जगह भारत लिखा गया है ।
पीएम मोदी बुधवार को आसियान इंडिया और 18th Eastern Asian Summit में भाग लेने इंडोनेशिया जाएँगे इसी निमंत्रण पत्र पर छपे ‘भारत’ शब्द को लेकर अब सियासत होने लगी है। इसी निमंत्रण पत्र पर छपे ‘भारत’ शब्द को लेकर अब सियासत होने लगी है। राजनीतिक दल का कहना है कि BJP की सरकार देश के नाम पर भी हमला कर रही है
वैसे भारत को अलग-अलग नामों से जाना जाता रहा है जैसे मसलन जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, हिमवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतवर्ष, आर्यावर्त, हिन्द, हिन्दुस्तान और इंडिया. मगर इनमें भारत सबसे ज़्यादा लोकप्रिय रहा है.साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर देश को नाम आधिकारिक रूप से भारत गणतंत्र किए जाने की मांग की गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद-1 में बदलाव पर विचार किए जाने की कोई परिस्थिति नहीं बनी है।
वैसे इंडिया पहला ऐसा देश नही है जो अपना नाम बदलेगा इस से पहले भी कई देशों ने अपने नाम बदले है इस लिस्ट में शामिल देश है
1.चेक रिपब्लिक: चेकिया
2.स्वाजीलैंड: इस्वातिनी
- हॉलैंड: नीदरलैंड्स
4.मैसेडोनिया: रिपब्लिक ऑफ नॉर्थ मैसेडोनिया
5.सीलोन: श्रीलंका
6.सियाम: . थाईलैंड
7.बर्मा : म्यांमार
8.पर्शिया: ईरान - Also Read –
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