
एक स्विस व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता, रेडक्रॉस के संस्थापक ,नोबेल शांति पुरस्कार( 1901)के प्रथम प्राप्तकर्ता जीन हेनरी ड्यूनेंट का जन्म 8 मई 1928 जेनेवा (स्वीटजरलैंड) में हुआ था। विश्व के इतिहास में यह वह दिन है जब अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट मूमेंट के सिद्धांतों का जश्न प्रत्येक वर्ष आज के दिन पूरी दुनिया में रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों के प्रयासों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। रेड क्रॉस के स्वयंसेवक किसी भी देश पर किसी भी प्रकार की आने वाली प्राकृतिक आपदा से ग्रसित देश, समाज व लोगों को नि:स्वार्थ भाव से राहत प्रदान कर सच्ची मानवता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। कोरोना वायरस के समय जब पूरी धरा एक साथ भोजन, ऑक्सीजन, दवा आदि की कमी की मार झेल रही थी ऐसे में रेड क्रॉस के स्वयंसेवक भोजन ,वस्त्र, आवास ,दवा जैसी आवश्यक चीज़ें मुहैया कराकर लाखों जिंदगियों की रक्षा कर, दयालुता, मानवता ,दिखाकर हताश , निराश ,टूटे ,बिखरे, बुझे ,व्यथित मनुष्य ही नहीं जीव मात्र में उम्मीद की एक किरण जगाकर नैतिक आदर्श सर्वोपरि है का पाठ जनमानस को पढ़ाए ।इस बार 8 मई सोमवार 2023 को स्वयंसेवकों के इस प्रकार के कार्यों का जश्न मनाकर अनेकानेक गतिविधियों के माध्यम से नैतिकता , दयालुता ,मानवता निष्पक्षता तटस्थता, स्वैच्छिक सेवा, एकता, सार्वभौमिकता के वैश्विक महत्व से जन-जन को अवगत कराया जाएगा।
जिस प्रकार प्रत्येक दिवस या पर्व को मनाने के पीछे कोई न कोई कहानी जुड़ी होती है उसी प्रकार रेडक्रॉस दिवस मनाने के पीछे भी एक कहानी है जो निम्न प्रकार है-
आईसीआरसी (अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति )के संस्थापक हेनरी ड्यूनेंट ने 1859 में इटली में लड़ाई का विभक्त दृश्य देखे तो वो दहल गए। लड़ाई के पश्चात हजारों छत- विछत , रक्तरंजित सैनिकों को बिना चिकित्सकीय देखभाल के कराहते हुए छोड़ दिया गया। ड्यूनेंट घायल सैनिकों के इस प्रकार के कष्ट को देखकर द्रविभूत हो उठे।अतः उन्होंने इन सैनिकों को सहायता प्रदान करने हेतु स्थानीय स्वयंसेवकों की एक सेना गठित किए और उनके साथ मिलकर युद्ध में लड़े दोनों पक्षों के सैनिकों को चिकित्सकीय तथा प्रत्येक तरह की मदद प्रदान किए। तत्पश्चात उन्होंने द मेमोरी ऑफ सेलफेरिनो नामक पुस्तक का प्रकाशन किए जिसमें युद्ध की भयावहता का दारूण चित्रण है, तथा इसी के साथ रेड क्रॉस के स्वयं सेवकों के राहत समितियों का आवाह्न किया गया है। रेडक्रॉस समिति एक मानवीय नेटवर्क है जो विश्व के लगभग प्रत्येक देश में संचालित होती है। यह समिति एक देश में एक ही संचालित होती है
यह दिवस हर साल एक नए विषय (थीम )क साथ मनाया जाता है।
कुछ सालों की थीम
2023 –
रेड क्रॉस आंदोलन के सार्वभौमिक, मानवीय और विविध पहलुओं पर प्रकाश डालना
2022 – मानव बनो
2021 – अनस्टॉपेबल
2020 – ताली बजाते रहो
2019- प्यार
2018 – दुनिया भर से यादगार मुस्कान
2017 – कम ज्ञात रेड क्रॉस कहानियाॅं
2016 – हर जगह हर व्यक्ति के लिए
2015 – मानवता के लिए एक साथ
2014 – सभी लोगों के लिए एक साथ हो जाओ
2013- मानवता के कारण एक साथ रहें
2012 – युवाओं की चाल
2011 – उस स्वयंसेवक की तलाश करें जो आपके अंदर है।
इस प्रकार निष्कर्ष रूप में यही कहा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति मानव कल्याण के लिए बनाई गई एक ऐसी समिति है जो बिना किसी भेद-भाव के सभी का कल्याण करती है।
साधना शाही, वाराणसी