अरे रामा! पनिया घेर के बरसे,
जिया मोरा तरसे ए हरी।

एही पनिया में मंदिर मो जईबों,
मंदिर में देवता क पूजन करइबों,
पूजन कराके आशीष हम पईबों।
अरे रामा! दामिनि जोर के तड़के,
जिया मोरा धड़के, ए हरी।

अरे रामा! पनिया घेर के बरसे,
जिया, मोरा तरसे ए हरी।

एही पनिया में बाज़ार हम जईबों,
बजारे से जाके चुनरी ले अइबों,
चुनरी पहिनी हम नईहर जईबों।
नईहर में जाके कजरी हम
गईबों ,
कजरी गाई जिया मोरा चहके,
जिया मोरा हरसे ए हरी।

अरे रामा! पनिया घेर के बरसे,
जिया मोरा तरसे ए हरी।

एही पनिया में बगिया मो जईबों,
बगिया में जाके फुलवा ले अइबों,
फुलवा ले आके प्रभु के चढ़इबों।
प्रभु के चढ़ा के मगन होई जईबों,
अरे रामा! भक्ति अईसन करब,
निहाल होई जाईब ए हरी।

अरे रामा! पनिया घेर के बरसे,
जिया मोरा तरसे ए हरी।

साधना शाही, वाराणसी

By Sadhana Shahi

A teacher by profession and a hindi poet by heart! Passionate about teaching and expressing through pen and words.

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