कितना पावन दिवस आज है,
मिला असंख्य बलिदानों से।
भारत मांँ की रक्षा खा़तिर,
खड्ग निकाले जो म्यानों से।
पाषाण मूर्ति है नहीं आज़ादी,
मंदिर, मस्जिद में ना रहती।
वीरों का यह एक ज़ज्बा है,
उनके दिल में है बसती।
आज़ादी या स्वतंत्रता एक शब्द मात्र नहीं है । वरन् यह एक ऐसी मंदाकिनी है जिसमें असंख्य भावनाएंँ बिना जाति, धर्म, मज़हब, प्रांत, भाषा के भेद-भाव के समाविष्ट हैं ।
इसमें समाहित है, वीरता का स्पंदन, करुणा का रुदन और कुछ अमर गाथाओं का वर्णन। इसी आज़ादी के 77 वर्ष पूरे होने के गौरव को हमारा देश आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत महा उत्सव के रूप में मना रहा है।
इस पर्व को सिर्फ़ भारत वर्ष में ही नहीं वरन दुनिया के विभिन्न देशों में कई कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाया जा रहा है, जिसे आज मैं सार रूप में बताना चाहूंँगी।
पहली बार रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन डिफेंस पर प्रदर्शनी तथा संगोष्ठी का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया। इसके तहत आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 75 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पादों को लांच किया गया।
किसानों को नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के नेचुरल फार्मिंग के आवाह्न को गुजरात सरकार ने गंभीरता से लिया । इस कार्यक्रम के तहत 41,000 से भी अधिक किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
भारत सहित दुनिया के सभी देशों को आंतरिक रूप से मज़बूत करना प्राथमिकता में शामिल है ।इसके तहत दिल्ली के रामलीला मैदान में सातवें एक्सपो यानी रक्षा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । इस्पात मंत्रालय ने आईकॉनिक वीक मनाया। इस अवसर पर इस्पात मंत्रालय और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड विशाखापट्टनम ने मिलकर विजाग स्टील वर्क प्लांट का आयोजन किया। जिसमें स्कूली छात्र, कर्मचारी एवं आमजनों ने बढ़ -चढ़कर हिस्सा लिया।
आज़ादी के अमृत महोत्सव एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत की मुहिम के अंतर्गत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए।जिसका मूल उद्देश्य है विभिन्न राज्यों के छात्र दूसरे राज्य में जाकर वहांँ के संस्कृति ,सभ्यता, रहन-सहन एवं भाषा से परिचित हों।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों से जनमानस को अवगत कराने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में डिस्कवरिंग द साइंटिस्ट बिहाइंड द साइंस कार्यक्रम का आयोजन
किया गया।
भारतीय महिला आयोग ने मानव तस्करी विरोधी जागरूकता पर संगोष्ठी का आयोजन किया । पुलिस अनुसंधान विकास ब्यूरो के सहयोग से की गई इस संगोष्ठी में मानव तस्करी के अवधारणा, प्रकार , मौजूदा प्रतिक्रिया प्रणाली और मानव तस्करी के मनोवैज्ञानिक, सामाजिक प्रभाव पर चर्चा की गई ।साथ ही इसके रोकथाम के लिए नागरिक संगठनों की भूमिका पर भी बात की गई।
यह स्वर्णिम आज़ादी हमें किसी एक जाति ,धर्म ,मजहब के प्रयास से नहीं वरन संपूर्ण भारतियों के सम्मिलित प्रयासों से मिली है इसमें अनेक सेनानी ऐसे भी थे जो इतिहास के पन्नों में खो गए उनके त्याग से जनमानस को अवगत कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय लाल बहादुर शास्त्री अकादमी मसूरी में डिजिटल प्रदर्शनी एवं सेमिनार का आयोजन 27 जून2022 से 3 जुलाई 2022 तक किया गया।
केंद्र शासित प्रदेश लेह में चार दिवसीय सिंधु यात्रा का आयोजन खास तरीके से आयोजित किया गया जो 23 जून से 26 जून2022 तक चला ।
आज़ादी के अमृत महोत्सव पर पहली बार रूस और भारत के संबंधों को प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से लखनऊ से ऑर्गेनिक आमों को मास्को भेजा गया।
इन सब कार्यक्रमों और उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए हम कह सकते हैं कि 21वीं सदी का भारत अभूतपूर्व संभावनाओं से भरा हुआ है। हमारा भारत चौथी औद्योगिक क्रांति में पीछे रहने वालों में से नहीं वरन इस औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने वालों में से एक है।
भारत के पहाड़ी क्षेत्रों की कलाएंँ खासकर कशीदाकारी देश ही नहीं दुनिया में मशहूर है, इसी कलाकारी को प्रदर्शित करती हुई ख़ास प्रदर्शनी साउथ अमेरिका देश के चिली में आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी को आज़ादी के अमृत महोत्सव को समर्पित विशेष सप्ताह के तहत आयोजित किया गया।
और अंततः
चलो आज सब मिलकर गाएंँ,
भारत देश हमारा है।
नहीं बटा है नहीं बटेगा ,
यह हमको जान से प्यारा है।
तीन रंग का अमर तिरंगा,
लहराकर यह गाता है ।
वीरों की शहादत भूल न जाना ,
जिनसे अद्भुत नाता है।
15 अगस्त वो स्वर्णिम तिथि है,
जिसने जीना सीखलाया,
लाल ,बाल , अशफ़ाक, दत्त ने ,
हंँसकर अपना शीश कटाया।
चलो आज फिर शपथ सभी लें,
भारत अखंड बनाएंँगे।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
आजादी का पर्व मनाएंगे।
जय हिंद, जय भारत 🙏🙏
साधना शाही, वाराणसी