इस कजरी में काशी खंड के सभी ( 12 )ज्योतिर्लिंगों का वर्णन किया गया है। यदि आप गिनती करेंगे तो 12 से अधिक देवताओं की बात होगी क्योंकि कुछ स्थलों पर मंदिर के अंदर मंदिर है।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

जाके काशी के नगरिया,
पूजब मान मंदिर घाट के डगरिया,
घाट पूज- पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी, सिगरा नगरिया
पूजब मल्लिकार्जुन महादेव क डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी दारानगर, के नगरिया,
पूजब महाकालेश्वर नाथ क डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी दारानगर के नगरिया,
पूजब महामृत्युंजय नाथ क डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी पठानी टोला मच्छोरी नगरिया,
पूजब ओंकारेश्वर महादेव क डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाइब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी बैजनत्था क्षेत्र क नगरिया,
पूजब बैजनाथ महादेव क डगरिया,
उनके पूज-पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ नआईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी नेपाली खपड़ा नगरिया,
पूजब भीमाशंकर महादेव क डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ न आईबी पिया ना,

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी नेपाली खपड़ा नगरिया,
पूजब काशी करवट मंदिर क डगरिया,
उनके पूज-पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी मान मंदिर घाट क नगरिया,
पूजब रामेश्वर महादेव क डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी पटनी टोला, भोशला घाट क नगरिया,
पूजब नागेश्वर महादेव क डगरिया,
उनके पूज-पूज धन्य होई पपीहरा जाईब पिया,
न कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी विश्वनाथ मंदिर क नगरिया,
पूजब काशी विश्वनाथ का डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूँ न आईबी पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी बास फाटक क नगरिया,
पूजब त्रयंबकम महादेव क डगरिया,
उनके पूज-पूज धन्य होई जाइब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी केदार घाट क नगरिया,
पूजब केदार जी क हम डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाइब पिया,
कबहूं न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

काशी कमच्छा क नगरिया,
पूजब कामाख्या मंदिर क डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाइब पिया,
कबहूँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहुँ न आईब पिया ना।

काशी कामचच्छा क नगरिया,
पूजब कामाख्या मंदिर क डगरिया,
उनके पूज- पूज धन्य होई जाईब पिया,
कबहूंँ न आईब पिया ना।

हम त काशी नगरिया में जाईब पिया,
कबहुँ न आईब पिया ना।

साधना शाही, वाराणसी

By Sadhana Shahi

A teacher by profession and a hindi poet by heart! Passionate about teaching and expressing through pen and words.

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