जन्मदिवस है लाल का आया,
हंँसना, गाना, धूम मचाना
खुशियों से तुम दिन को बिताना
धूम- धड़ाका मस्ती करना
पर ना बहुत मटरगस्ती करना
तुम जब मेरी गोद में आए
मिला सभी कुछ खास
आज मेरा लालन जग में आया है
मन भर खुशियांँ लाया है।
उसके आने से मन हुआ हर्षित
दुख क्लेश सब हो गए वंचित
निर्उद्देश्य था मेरा जीवन
यह उद्देश्य से हो गया सिंचित
मंगलाचार मैं जी भर गाई
प्रतिक्षण बहे, खुशी पुरवाई
आज मेरा चंदा आया है
हरने दुख फंदा आया है।
ग्रीष्म को हर सावन जसआया
कुंठा हर तस लालन आया
मेरे जीवन में मधु बरसता
ऐसा मुझको भान कराया
मधुमास सा खुशियाॅं लेकर
आंँखों का तारा आया है
मेरा राज दुलारा आया है।
मन उपवन पर पड़ा था ओला
सपनों पर पड़ा बारूद का गोला
उसके आने से जीवन में
यौवन फिर से वापस आया
बर्बरता चहुँ ओर थी फैली
उसको हरने वो है आया
30 जुलाई का दिन शुभ है
आज मेरी दुनिया आया है
बड़ा ही गुनिया आया है।
कोयल कूक रही पेड़ों पर
दादुर पानी में टर्राए
पीहूॅं -पीहू पपीहा बोले
सुंदर मोर हैं पंख फैलाए
कण- कण में यौन बिखराए
शिथिलता को दूर करन को
राज दुलारा आया है
हाँ लल्ला प्यारा आया है।
साधना शाही, वाराणसी