यदि हम अधिक नहीं एक से दो दशक पूर्व की बात करें तो डिप्रेशन जैसी समस्या बहुत ही कम देखने में आती थी। और जो देखने में आती भी थी तो वह 30 से 50 साल की उम्र के लोगों में किंतु
आज डिप्रेशन की समस्या एक आम समस्या हो गई है ,क्योंकि आज की युवा पीढ़ी ज़रा सी समस्या से घबरा जाती है, और अपना संतुलन खो देती है या उसके जीवन में ज़रा सा भी उतार-चढ़ाव आया तो वह उस उतार-चढ़ाव से सामंजस्य नहीं बिठा पाती है। अगर उसके इच्छा के विपरीत कोई कार्य हुआ तो उसको भी वह सदा के लिए अपने मानस पटल में स्थिर कर लेती है।

आज भागमभाग की जिंदगी में अभिभावक का अपने बच्चों के साथ समय व्यतीत न करना ,उन्हें सही गलत की पहचान न बताना ,उनके दिमाग में क्या चल रहा है उस बात को सुन न पाना ,आर्थिक समस्या से जूझना आदि कारण भी डिप्रेशन को जन्म देता है ।

तो यहां प्रस्तुत है किस प्रकार हम थोड़े से परिश्रम से बिना चिकित्सक के मदद के अपने डिप्रेशन को दूर कर सकते हैं-

1- कभी भी अकेलेपन का शिकार अपने आप को ना होने दें ।जो भी मित्र रिश्तेदार आपको अच्छे लगते हैं, उनके साथ समय बिताएं, बाहर घूमने जाएं, हंसी -मजाक करें और इस तरह से सदा खुश रहने का प्रयत्न करें।

2- प्रत्येक सुबह और शाम कम से कम 30 से 40 मिनट खुली हवा में टहलने जाएं

3- अकेले ना रहें। इसीलिए कहा जाता है खाली दिमाग शैतान का घर होता है और जहां शैतान होता है वहां अनर्थ होता है। अतः मित्रों, सहपाठियों या परिवार के लोगों के मध्य रहें एकाकी जीवन न जीएं।

4- सैड सॉन्ग कतई ना सुनें।
आप स्वयं परीक्षण करके देखिए यदि आप सैड सॉन्ग सुनते हैं तो आपके कार्य करने की क्षमता धीमी हो जाती है, आप नकारात्मक हो जाते हैं। क्योंकि उस सॉन्ग के चरित्र के साथ आप अपनी तुलना करने लगते हैं और इस तरह नकारात्मकता में खो जाते हैं ।और वही यदि आप जोश, हर्ष ,उल्लास वाले गाने सुनते हैं तो आपके कार्य करने की क्षमता तीव्र हो जाती है ,आप सकारात्मक हो जाते हैं।

5- अगर कोई बात आपको परेशान कर रही है तो उसे मन में दबाकर ना रखें बल्कि किसी विश्वासपात्र से उसे शेयर करें। किंतु शेयर करने से पहले यह ध्यान रखें कि आप किससे शेयर कर रहे हैं कहीं शेयर करके अपने लिए और किसी मुसीबत को तो न्योता नहीं दे रहे हैं।

6-किसी भी काम को करने के नए-नए और रोचक तरीके खोजें और उसे खुशी-खुशी करें।

7- अपने लिए लक्ष्य ऐसा ना रखें जिसे प्राप्त करना आपके लिए संभाव न हो। अपनी सामर्थ्य को देखते हुए ही लक्ष्य का निर्धारण करें।

8- यदि किसी बात को लेकर दुखी हैं तो उसे ज़ाहिर ना करें। क्योंकि जैसे ही आप दुख को ज़ाहिर करते हैं दूसरा आपसे बार-बार पूछकर उस दुख को और भी बढ़ा देता है ।अतः दुख के क्षणों में भी प्रसन्न रहने की कोशिश करें। खुश रहने का अभिनय ना करके वास्तव में खुश रहने का प्रयास करें। किंतु यदि समस्या अधिक गहन है कि वास्तव में खुश रहना संभव नहीं है तो भी खुश रहने का अभिनय करें ताकि कोई दूसरा आपकी परेशानी को न जान सके।

9- अपने सहकर्मियों, सहपाठियों, मित्रों ,रिश्तेदारों के साथ मौज मस्ती करें और खूब हंसे। क्योंकि जब हम हंसते हैं तो हमारे साथ हंसने वाले बहुत सारे लोग होते हैं, किंतु जब हम रोते हैं तो हमारे रोने में साथ देने वाले विरले ही होते हैं। आत: खूब हंसे और हंसाए। हंसने की महत्ता को देखते हुए ही हंसी को टॉनिक की संज्ञा दी गई है।

10- सदा सकारात्मक गाने सुनिए ,चलचित्र देखिए, किताबें पढ़िए ,कार्य करिए और सकारात्मक लोगों के मध्य ही रहिए ।आप बचपन से सुने होंगे थिंक पॉजिटिव बी पॉजिटिव अतः जब आप सकारात्मक होंगे तभी सकारात्मक कार्य कर सकेंगे। और अवसाद से दूर रह सकेंगे। *आर्ट आफ *पॉजिटिव लिविंग* को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं।

11-योग और मेडिटेशन आपके डिप्रेशन को दूर करने का एक अचूक उपाय है ।अतः अपने दिनचर्या में योग और मेडिटेशन को अवश्य शामिल करें। अनुलोम- विलोम, कपालभारती और कुछ प्राणायाम सही तरीके से सीखे और अपनी दिनचर्या में शामिल करें ये डिप्रेशन को दूर करने में विशेष कारगर हैं।
इसके अतिरिक्त बालासन, सुखासन ,शवासन ,
भुजंगासन, सेतुबंध आसन भी डिप्रेशन को दूर करने में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

12-ऐसे लोग जो संघर्ष करके जीवन में आगे बढ़े हैं और सफलता को अर्जित किए हैं। ऐसे लोगों की बायोग्राफी, उनके जीवन से जुड़े रोचक प्रसंगों को पढ़ें और उसे जीवन में उतारने का प्रयास करें। जैसे अरुणिमा सिन्हा एपीजे अब्दुल कलाम, आदि।

13-रात में सोने से पूर्व कोई भी नकारात्मक किताबें पढ़ने ,बात करने ,चलचित्र देखने से बचें।क्योंकि जब हम सोते समय नकारात्मक क्रियाकलाप करते हैं तो रात्रि में वह नकारात्मकता हमारे ऊपर हावी होती है जो हमारे डिप्रेशन को और भी बढ़ा देती है। कुल मिलाकर निचोड़ रूप में यदि कहा जाए तो रात में सोने से एक से डेढ़ घंटे पहले टीवी न देखें ,सोशल मीडिया ना चलाएं और इस तरह अपने आपको सोने से पूर्व नकारात्मकता से पूरी तरह दूर रखें और सकारात्मकता के साथ सोएं।

14- सोने से पूर्व बिस्तर को साफ- सुथरा रखें, हाथ पैर धोकर जिस भी भगवान ने आपकी आस्था हो उस भगवान को 5 मिनट याद करके शांत मन से अच्छी नींद सोएं।

15– ऐसे लोग जिनके साथ रहना आपको पसंद नहीं है या आपके जीवन की ऐसी कोई घटना जिसको याद करने से आप विचलित हो जाते हैं ,आपकी घबराहट बढ़ जाती है तो ऐसी घटना को याद करने से ,ऐसे लोगों के साथ रहने से पूर्णतः बचें। क्योंकि यही डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है।

16- बिस्तर पर खाना खाने से बचें क्योंकि जब हम बिस्तर पर खाना खाते हैं तो कितनी भी सफाई से खाएं । कभी न कभी झूठा बिस्तर पर गिर ही जाता है और यदि हम धर्म की मानें तो जूठे बिस्तर पर सोने से रात्रि में हमें डरावने सपने आते हैं जिसके फलस्वरूप हम नकारात्मकता के शिकार हो जाते हैं।

17- अपनी ताकत और योग्यता को पहचानें तथा उसे महत्व दें ।कभी भी अपने आप को किसी से कम और कमजोर ना आकें।

18- जीवन में आने वाली चुनौतियों को हिम्मत ,बहादुरी और सहजता से स्वीकार करें।

19- सदा सकारात्मक मित्रों, सहपाठियों ,सहकर्मियों, रिश्तेदारों की तलाश करें।

20- सदा सकारात्मक नए दोस्त बनाएं तथा समय मिलने पर पुराने दोस्तों के साथ पुरानी यादों को ताजा करें।

21- एवरग्रीन कॉमेडी फिल्में, धारावाहिक देखें तथा गाने सुनें।

22- कोई साथ नहीं है कोई बात नहीं वी कैन बे या छुट्टी के दिन खुद से खुद को पार्टी दे और उस दिन को पूरा इंजॉय करें।

23- भूतकाल की नकारात्मक बातों को कभी भी अपने ऊपर हावी ना होने दें हां उसे ध्यान अवश्य रखें ताकि भविष्य में इस तरह की गलती या हालात दोबारा ना हो।

24- पहले आप ऊपर बताए गए उपायों को करें निश्चित रूप से आपको डिप्रेशन में आराम मिलेगा ।किंतु यदि बदकिस्मती से ऊपर बताए गए उपायों को करने के पश्चात भी आपको डिप्रेशन से निजात नहीं मिलता है तब किसी अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श लें।

खानपान का रखें ध्यान

1- सेलेनियम युक्त भोज्य पदार्थ डिप्रेशन से जूझने में महती भूमिका अदा करते हैं। जैसे साबुत अनाज, फली, सीफूड, लीन मीट में सेलेनियम की काफी मात्रा होती हैं।

2- हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक कार्बोहाइड्रेट युक्त भोज्य पदार्थ को अपने आहार में शामिल करने से हमारे शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन रिलीज होता है, जिससे हमारा मस्तिष्क स्वस्थ और प्रसन्न महसूस करता है इसके साथ ही अपने आहार में हरी सब्जियों और फलों को भी भरपूर मात्रा में शामिल करें ।इससे डिप्रेशन से लड़ने में मदद मिलती है और मेंटल हेल्थ बेहतर होती है।

3- अगर आ मछली खाने के शौकीन हैं तो समझिए डिप्रेशन आप से जल्द ही दूर भाग जाएगा क्यों मछली मस्तिष्क के कामकाज में बड़े ही तीव्रता से सुधार करता है। और यदि आप शाकाहारी हैं तो मछली के जगह पर ओमेगा -3 नट्स, अलसी का तेल, हरे पत्तेदार सब्जियों चीजों का सेवन मछली के स्थान पर कर सकते हैं।

याद रखें – यहां यह ध्यान रखना सबसे अधिक आवश्यक है कि इस समस्या से निजात पाने में चिकित्सक और मरीज के साथ–साथ उसके परिवार, दोस्तों , दिनचर्या ,जीवन शैली खानपान ,क्रियाकलाप, पसंद नापसंद , आसपास का वातावरण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
अतः चिकित्सक के पास जाने से पहले आप स्वयं के अंदर आत्मविश्वास जगाएं, सकारात्मक हों और अपने डिप्रेशन को दूर करें।

एम्स दिल्ली के सायकियाट्री और एनॉटमी डिपार्टमेंट ने मिलकर रिसर्च की जिसका निष्कर्ष निकला के सूर्य नमस्कार, शांति मंत्र, मेडिटेशन और दवाओं का डिप्रेशन में कम समय में बड़ा असर दिखा।
शोधकर्ता डॉ. रीमा दादा के मुताबिक, योग से साबित हुआ है कि ये आसन डिप्रेशन, तनाव और एंग्जायटी को दूर करने का सस्ता और सशक्त माध्यम हैं।

साधना शाही,वाराणसी

By Sadhana Shahi

A teacher by profession and a hindi poet by heart! Passionate about teaching and expressing through pen and words.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *